जिज्ञासा
Thursday, 5 August 2010
अनुभव
प्रेम
निकटता
गहराता
अपनापा
सहेजने
समेटने को
फेंकनी ही पड़ेगी अब
चिलचिलाती नाराजगी
क्रोध
घृणा
दुराव
फिर भी
कम पडूंगा मै
इसीलिए
सबसे है साझा
प्रेम..
निकटता..
गहराता अपनापा..
-लोकेश
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